स्टॉक मार्केट बजट के बाद परेशान है परेशानी की बहुत बड़ी वजह हैं कि सरकार ने अपने हाल ही में लोगों को जिस तरह पहले तो शेयर मार्केट की तरफ भेजा कि म्यूचुअल फंड सही है शेयर मार्केट बढ़िया ग्रो कर रहा है देश तेजी से बढ़ रहा है हमारी इकॉनमी बहुत तेजी से चढ़ रही है चलो शेयर मार्केट में निवेश करो पहले तो सबको शेयर मार्केट में काउंसलिंग करके घुसा दिया भारत के बहुत सारा यूथ जो है वह शेयर मार्केट में इंटरेस्ट ले रहा है और उसके प्रयास चल रहे हैं कि मैं फ्यूचर एंड ऑप्शंस में ट्रेड करके बढ़िया पैसे कमाऊ अब अचानक फ्यूचर एंड ऑप्शन को सेवी कहने लगी कि ये तो सट्टा खेल रहे हैं बच्चे और इससे वह घर का पैसा खर्च कर देंगे सेवी ने कहा कि ये फ्यूचर एंड ऑप्शन वाले तो नुकसान करेंगे बोले इनको तो रोकना है और बोले दूसरा जो ये लोग पैसा बना लिए देखो हुआ यह ना कि शेयर मार्केट ने जब से कोरोना काल निकला है तब से लेकर के रिटर्न्स बहुत अल्टीमेट दिए हैं मतलब शेयर मार्केट एक पता नहीं कौन से हवाई जहाज पर सेट हो गया है वो चले ही जा रहा है मतलब मार्केट उठता ही जा रहा है उठता जा रहा है तो जो पैसा आदमी लगाया हुआ है वोह बढ़िया पैसा बना रहा है अब कोई जाकर के मैडम को दिखाता होगा निर्मला मैडम को देखो मैडम इतना पैसा लगाए थे इतना बन गया थैंक यू सो मच अब मैडम एकदम परेशान कि यार इन लोगों का पैसा लगवाया मैंने और पैसा सरकार को ही नहीं मिल रहा है बाकी सब लोग पैसा कमा रहे हैं हमको पैसा नहीं मिल रहा है सरकार ने कहा बेटा इस पैसे को तुम बाहर कैसे निकालो बोले मैडम बस अपने शेयर बेच देंगे बेच के पैसे निकाल आ गए तुम ट्रैप में बेटे बेचो ग बोले हां कैसे बेचो ग मैडम जैसे मान लो मैंने अभी इन्वेस्ट किया
था इन्वेस्ट किया इस शेयर में वो भाव बढ़ गया मैंने बेचा बेचते ही मुझे पैसा मिल गया और जो पैसा मिला बोले बेटा तुम जानते हो कि एक साल से पहले अगर तुमने अपने शेयर्स को बेच दिया तो उससे जो तुम्हें लाभ होता है वो शॉर्ट टर्म गेन कहलाता है बोले अच्छा ऐसा भी है क्या बोले हां अगर एक साल से पहले ही तुमने शेयर बेच दिए तो शॉर्ट टर्म गेन है और अगर 1 साल के बाद अगर तुमने बेचे तो वो लॉन्ग टर्म गेन में आता है है दोनों ही कैपिटल गेन क्योंकि तुमने 1000 का माल खरीदा था अब उसको तुम 2000 में बेच रहे हो 1000 बना रहे हो अब तुम 1000 बनाकर चले जाओ और हम तुमसे कुछ ना कमाए और हमारे देश में हम इकॉनमी को चलाने वाले कर्णधार हैं तुम पैसा कमा लो हम तुम्हारा मुह देखते रहे जाओ नहीं चलेगा ऐसा तो मैडम जी फिर क्या चलेगा कटौती लगेगी कितना 20 पर बोले अगर 1 साल से पहले तुमने शेयर बेच दिया बेटा तो तुमसे शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 20 पर कटौती मतलब तुमने जो 000 कमाए ₹ सरकार के हुए बेचारे लोग जो इधर-उधर से खुश थे कि हम शेयर मार्केट में बढ़िया पैसा बना रहे हैं सरकार ने पकड़ लिया अगरवाल इधर आा ज्यादा पैसे मत बनाए पहले तक 15 पर था अब 20 पर कर दिया यानी पहले आप कमाते थे उस पर 15 पर देते थे इस बार के बजट में 20 पर कर दिया शेयर मार्केट यूं ही थोड़ी गिरा था शेयर मार्केट के साथ तो सरकार ने मजे ले लिए पूरे साइड में हो जा भाई 20 पर और जो लॉन्ग टर्म गेन वाले थे जो कहते थे कि मैडम देखो हम तो बड़े अच्छे लोग हैं हम मार्केट प विश्वास रखते हैं हम तो आज पैसा नहीं निकालेंगे साल भर बाद निकालेंगे साल भर छोड़ो मैडम हम तो डाल के छोड़ दिए जब तक मार्केट चलता रहे बाद में निकालें सरकार ने कहा अरे वो इधर आ बोले हां बेटे अब तुम्हें भी 10 पर पहले देना होता था इस बार सा 12 पर देना पड़ेगा अब बेचारे जिनके शेयर लगे हुए हैं मार्केट में जिन्होंने पैसे लगाए हुए हैं उनको जैसे ही आप टैक्स की यह बात बता रहे हो कि तुम जो कमा रहे हो ये तुम ही नहीं कमा रहे हो सरकार भी इससे कमाए गी उधर की तरफ जो बेचारे फ्यूचर एंड ऑप्शन में ट्रेड करने के लिए नया-नया कानून सीखे थे कि भाई फ्यूचर एंड ऑप्शन में पैसे लगाएंगे पैसे लगाने में इतना पैसा लगाओ इतने का माल खरीद लो और वह और महंगा हो जाए तो सोचो अपनी तो बल्ले बल्ले मतलब फ्यूचर एंड ऑप्शन समझते हैं ना कि साहब अपन ने तो ₹ लगाकर हज का माल खरीद लिया मार्केट तो चढ़ ही रहा है 1000 का माल 1500 का हो जाएगा अपने तो 00 बन गए 100 लगाए थे अपन ने तो 500 बन गए 500 लेकर घर जाएंगे ह ट्रांजैक्शन पर पैसे कमाएंगे यह जो हाल ही में जो बाल कला फ्यूचर एंड ऑप्शन के नए लोग बनकर आए हैं इनकी इस नीति को देखकर सरकार समझ गई कि बेटा तुम लोग इस 100 को लगाकर हज का दाम लगा देते हो और हजार भी जब कई बार डूबने लगता है तो उस हजार की कर्जे में फंस जाते हो क्योंकि मार्केट तो माफ करने वाला है नहीं जो 100 लगाकर हजार का माल खरीद लिया था वोह हजार का माल अगर डूबने लगा तो वह हजार का माल भी आपके सिर बंद जाता है कि साहब यह इसका था तो 1000 भी सरकार आपसे लेती है कि भाई तू 100 लगाया था ना मैं तो हज 100 ही रुप लगाया था पर तू तो 100 हजार का माल खरीद लिया था ना ये बिल्कुल वैसे ही है जैसे कोई प्लॉट खरीदे और उसम टोकन मनी दे आए थे भाई साहब ये अपना हुआ अब अब अपना हुआ वो प्लॉट मान लो नहीं बिका किसी और खरीददार ने नहीं खरीदा तो आप ही को खरीदना पड़ रहा है ना वो एगजैक्टली फ्यूचर एंड ऑप्शन में बहुत सारा नुकसान हुआ लोगों का सेबी बहुत शक्त है इस बात को लेके सेबी ने आज से तीन दिन पहले तो यही कहा था कि फ्यूचर एंड ऑप्शन वाले तो एकदम ऐसा लग रहा है कि इनका तो रोको काम क्योंकि बहुत ज्यादा पैसा खराब कर देंगे इसका मतलब यह हुआ कि एक प्रकार से सेबी भी सख्ती दिखा रही है साथ ही साथ शेयर मार्केट में बनते हुए पैसे पर सरकार अपनी नजरें गढ़ा रही है तो शेयर मार्केट के ऊपर जो सरकार का रवैया रहा उसको शेयर मार्केट ने पसंद नहीं किया इसी के कारण से शेयर फॉल हुए हैं गिरे हैं शेयर मार्केट ने बजट 2024 को अच्छा नहीं माना है इसीलिए कल हमने सेशन में लिखा था बाजार धड़ाम बाजार को जब यह बात समझ में आई कि यार यह तो सरकार ने खेला खेल दिया इसलिए भाई साहब शेयर मार्केट गिरा ठीक है ना तो एक प्रकार से जो निफ्टी है और सेंसेक्स है दोनों के अंदर गिरावट दर्ज की गई और दोनों के अंदर जो गिरावट थी उसका बड़ा कारण था सरकार ने इन्वेस्टर्स के लिए शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन को 15 पर से बढ़ाकर 20 पर कर दिया और लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को 10 पर से 125 पर कर दिया एक और खेला किया है सरकार ने जमीन वालों के साथ और वह भी तगड़ा खेला किया है साहब और वह खेला ऐसा है कि अगर वह समझ में आ जाए तो आपको यह कहानी समझ में आ जाए कि यार सरकार का तो तगड़ा ही मामला है जैसे क्या मामला है देखो क्या है ना जमीन में क्या होता था पहले इसको भी थोड़ा सा समझ लो और अगर आपके आसपास कोई पढ़ खा आदमी रहता है तो उसको बता भी देना कि गड़बड़ है मामला क्या मामला गड़बड़ है पहले क्या होता था कि आपने कोई प्लॉट खरीदा मान लो लाख रुपए का है ना लाख रुपए का प्लॉट खरीदा अब आपको पता चल रहा है कि इस साल वो प्लॉट आपका दो साल पहले खरीदा था लाख रुप का इस साल कोई आपको दो लाख रुप दे रहा है उस प्लॉट के सरकार क्या करती थी कि जो आपने लाख का खरीदा अब दो लाख में आप बेच रहे हो तो यह जो लाख रुपए अतिरिक्त आप पा रहे हो इस पर हमें टैक्स दे दो सरकार उस टैक्स में 20 पर टैक्स लेती थी पहले गेन के नाम पर कि हां भाई देख लो साल भर रख लिया आपने और 20 पर का सॉरी जो पैसे कमाए अब यह जो कमाए हैं इस पर 20 पर हमारा है ट इज कैपिटल गेन सरकार के इस 20 पर कैपिटल गेन को जनता ने समझा सरकार के पास गए कि मैडम आप हमारे मह हम लाभ कमाना चाहते हैं उसमें से आप लोग भाजी मार लेते हो मैडम ने कहा क्या चाहते हो वत्स मैडम इस पैसे को कम करो सरकार ने कहा जाओ खुश रहो सरकार ने तत्काल प्रभाव से 125 पर कर दिया जनता खुश हो गई अरे वाह सरकार कितनी अच्छी है देखो लाख रुप का प्लॉट खरीदा था दो लाख का बेच रहे हैं 125 पर ही सरकार को देना पड़ेगा यानी 5500 ही अपन को सरकार को टैक्स देना पड़ेगा जनता बहुत खुश हुई बजट में तालियां लेकिन पीछे पीछे एक लाइन चिपकी हुई आ रही थी और व लाइन क्या थी अब इंडेक्सेशन नहीं होगा यह क्या है भाई क्या नहीं होगा अब क्या था इसको समझने के लिए पॉइंट समझिए अभी तो मैंने एक दो साल की कहानी बताई मान लो आपने 10 साल पहले जमीन खरीदी थी और उस जमीन की कीमत उस समय लाख रुप थी देश में महंगाई बढ़ती गई लाख रुप की जमीन हो सकता है अब एक करोड़ की हो गई हो भाई जमीन के भाव तो ऐसे ही आसमान चढ़ते हैं अब मान लो एक करोड़ की नीज 50 की मान लो अब तो 50 की हो गई 10 लाख की खरीदी अब वह 50 लाख की हो गई तो पहले क्या होता था ना इनकम टैक्स विभाग अपनी तरफ से हर साल महंगाई को एडजस्ट करता हुआ चलता था यह मानता हुआ चलता था कि 10 लाख की चीज जो इन्होंने खरीदी थी वो 2000 मान लो आज से 10 साल पहले आपने 2015 में कभी खरीदी थी तो बोले 2016 में वो जमीन रखे रखे इतने की हो गई होगी क्योंकि महंगाई बढ़ रही है ऐसे समझो ना भाई महंगाई तो बढ़ ही रही है 6 पर 7 पर औसत दर से चल रही है तो बोले इतना परसेंट बढ़ा दो इतने की तो वो हो ही गई होगी फिर उससे अगले साल बोले 6 पर और महंगाई बढ़ गई जी सात में भी ऐसा हुआ 17 में भी ऐसा हुआ 18 में बोले ऐसे बढ़ गया होगा तो ऐसे करके हर साल 7 पर 5 पर 7 पर महंगाई की कीमत एडजस्ट करते-करते ये माना जाता था कि 10 साल में यह कीमत ऑटोमेटिक महंगाई के हिसाब से भी इतनी पहुंच गई होगी मान लो 50 लाख का सरकार ने मान लिया कि यह प्लॉट 25 का तो अब तक हो ही गया होगा अगर महंगाई भी देखें और इस व्यक्ति ने इस प्लॉट को 50 में बेचा है तो यह जो बीच का 25 पर है ना मतलब बीच का जो बीच का जो 25 लाख है मैं इस पर कैपिटल गेन टैक्स 2 लाख र 20 पर लूंगी मतलब समझ रहे हैं आप मतलब यह है कि महंगाई को एडजस्ट करने के बाद जो दाम निकल कर आया और जो वैल्यू निकाली इसके बीच का जो अमाउंट था इस पर 20 पर सरकार लेती थी कैपिटल गेन के नाम पर पहले सरकार ने अभी क्या किया कि मैं 20 पर तो छोड़ रही हूं 125 पर कर रही हूं पर यह याद रखना यह सा पर मैं वहां से लूंगी यानी पुरानी कीमत से वसूल होंगी मतलब पुरानी कीमत 10 लाख थी ना तुम्हारी अब तुम 50 में बेच रहे हो 40 का जो तुमने मुनाफा कमाया है ना इस 40 पर उठाऊंगी फायदा खेला अगर समझ में आ गया हो तो बताना खेला समझ में आ गया यह खेला सरकार ने इस बजट में और सरकार से पूछा ऐसा क्यों कर रहे हो अजी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन है हम सबको एक जैसा करना चाहते हैं इसलिए ऐसा कर रहे हैं बोले जैसे बोले शेयर मार्केट प भी तो यही किया है इसमें भी तो हमने 125 पर का लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कर दिया इसलिए हम ऐसा कर रहे हैं अब आई बात समझ में सरकार ने प्रॉपर्टी की हालत खराब कर दी है प्रॉपर्टी वालों को तो बजट क्या डे वन में तो समझ में आता नहीं है दो पाच सा दिनों बाद तो इनको समझ में आएगा कि बजट में क्या आया था और बजट में क्या आया था यह समझ में आएगा उसके बाद फिर ये रिएक्शन देंगे कि अरे यार ये तो चोट हो गई हमारे साथ अब चोट हो गई है कैसी चोट हुई है मैं मैं प्रेडिक्शन दे देता हूं अब ये लोग क्या रास्ता निकालेंगे अब इससे काला धन का जो है ना फिर से प्रचार प्रसार बढ़ेगा पूछो कैसे लोग ऑन पेपर में इतना महंगा खरीदेंगे ही नहीं वह क्या करेंगे सामने वाली जो पार्टी प्लॉट बेचने वाली थी अब उस पार्टी से कहेंगे पार्टी वाला खुद ही कहेगा कि भाई सुन मैं मेरे 10 का प्लॉट 50 में पेपर पर भेजकर क्यों परेशान रहूं पहले 50 40 लाख का मुनाफा कमाया उस पर 125 पर सरकार को चुका दूं इससे अच्छा है महाराज सुनो मुझे तो 10 लाख जो मैंने लिया था ना मुझे तो 11 लाख में बेच दो सरकार तो मान ही नहीं रही ना महंगाई बड़ी है सरकार तो कह रही है कि इन्फ्लेशन है ही नहीं एडजस्ट करना ही नहीं है इंफ्लेशन अगर एडजस्ट कीमत पर नहीं करना है मैंने 10 में खरीदा था भाई मेरे को 11 में दे दे तू तो 10 में ही ले ले मैं कह दूंगा कि तो बेनसी का था बिक गया इतने में ही और बाकी पैसा बोले बाकी पैसा ऊपर से है ऊपर से बोले तो ब्लैक मनी से और मैं आपको बता दूं आज भी प्रॉपर्टी में सबसे ज्यादा ब्लैक मनी इवॉल्व है सरकार कितना भी काला धन पर कितना प्रयास कर ले लेकिन कोई भी प्लॉट संभवतः कोई भी प्लॉट 100% नंबर एक में नहीं बिकता है सब लोग चाहते हैं कि साहब किसी ना किसी तरीके से टैक्स बचा ले कैपिटल गेन टैक्स बड़ा बचा ले और उससे अपनी आय को बचा के रख ले ठीक है यह खेला खेल दिया सरकार ने इस बार के बजट में ठीक है तो एक प्रकार से सरकार का यह जो तरीका है सरकार को करना क्या चाहिए था कैपिटल गेन टैक्स को 20 से 122 करना चाहिए था लेकिन इंडेक्सेशन नहीं हटाना चाहिए था यानी कि जो परसेंटेज वाला सिस्टम है ये नहीं हटाना चाहिए था लेकिन ये हटा दिया तो खेला हो गया ठीक है साहब तो गेन दो प्रकार के हैं लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म ये लॉन्ग टर्म शॉर्ट टर्म मैंने आपको बता दिया हम जो इन्वेस्टमेंट करते हैं वो डेट में या इक्विटी के अंदर करते हैं डेट का मतलब किसी का कर्जा खरीद लिया आपने इक्विटी का मतलब किसी का अंश खरीद लिया ये सब बातें मैंने पहले भी कई बार बताई है तो इस बार सरकार ने शेयर मार्केट के साथ जो किया वो कैपिटल गेन टैक्स को बढ़ा दिया है और ये कैपिटल गेन टैक्स का पूरा लं लं चौड़ा इतिहास रहा है लेकर 1947 से लेकर अभी तक यह कैपिटल गेन टैक्स का काम चल ही रहा है ठीक है मैंने यह बता दिया दूसरा काम जो फ्यूचर एंड ऑप्शन वालों के साथ किया है उनके साथ किया है उनका एसटीटी जो टैक्स था ना सिक्योरिटी ट्रांजैक्शन टैक्स वो बढ़ा दिया है मतलब जहां 0.01% था वो 0.02% पर कर दिया जस्ट टवा इस कर दिया है और साथ ही साथ उनका जो ऑप्शन ट्रांजैक्शन है उसको तो कई परसेंट बढ़ा दिया 0.06 पर से 0.1 % कर दिया है एक प्रकार से इसको यूं समझा जाए कि अगर सरकार पहले फ्यूचर एंड ऑप्शन में ट्रेड करने वाले लोगों से पैसे लेती थी अपनी मेहनत के सर क्योंकि सरकार देखो आप जब भी व्यापार कर रहे हो ना सरकार सब पर पैसे कमा रही है तो जब आप फ्यूचर एंड ऑप्शन में ट्रेड कर रहे थे तो सरकार उस पर एक टैक्स वसूल की थी आपसे एक टैक्स के ऊपर सिक्योरिटी लाइक स्टॉक म्यूचुअल फंड जैसे आप कुछ भी खरीद रहे हैं तो उसके ऊपर आपसे एक टैक्स वसूला जाता था अब वो जो टैक्स था जो डायरेक्ट आपके ऊपर लगता था अब उस टैक्स को और ज्यादा बढ़ा दिया गया है और इसका असल मकसद क्या है फ्यूचर एंड ऑप्शन को किसी ना किसी प्रकार से रोकना फ्यूचर एंड ऑप्शन की स्ट्रेटेजी को रोकने से पहले मैं आपको ना यह वाली लाइन दिखा देता हूं आज से तीन दिन पहले की जिसमें सेबी चेयरमैन बोली थी कि घर की सेविंग सट्टेबाजी में जा रही है फ्यूचर एंड ऑप्शन की कमाई पर 30 पर तक की सरकार की टैक्सेशन की तैयारी है इसका मैं बहुत बड़ा कारण बता देता हूं क्योंकि आप में से बहुत सारे बच्चे जो इनिशियली अ ट्रेडिंग में उतरते हैं जिन्हें मतलब ये समझ में तो आ गया कि ट्रेड करना होता है शेयर मार्केट में उतरना होता है वो लोग क्या करते हैं इनिशियल स्टेज में अपना बहुत सारा पैसा पैसा तो होता नहीं है वह क्या सोचते हैं कि मार्केट ऊपर चढ़ रहा है सभी लोग कह रहे हैं मार्केट चढ़ रहा है मार्केट चढ़ रहा है उन्हें यह नहीं पता होता है कि मार्केट टॉप थ्री कंपनीज का चल रहा टॉप 30 कंपनीज का चल रहा है कि टॉप 50 कंपनीज का चल रहा है बस वो तो मार्केट चल रहा है इस खुशी में खुश हैं अब वो जिस खुशी में खुश है कि इतनी कंपनीज का मार्केट चढ़ रहा है वो बेचारे जाके इन्वेस्टमेंट लगा देते हैं उनको यह पता नहीं चलता है कि यह मार्केट का नंबर जिस कंपनी में आपने पैसे लगाए हैं इसका बढ़े यह जरूरी नहीं है अब वो जाकर पैसा लगा दिए अनुभव है नहीं फाइनेंशियल लिटरेसी है नहीं बातें बाजार की देख नहीं रखा तो फाइनेंशियल लिटरेसी के अभाव में जाकर इन्वेस्टमेंट कर दिए इन्वेस्टमेंट के नाम पर क्या किए जैसे प्लॉट की अपन साई देके छोड़ देते हैं ऐसे साहब वहां जाकर के आपने शेयर की साई छोड़ दी कि साहब ये लो हमको 000 का शेयर ₹1 में मिल रहा है शेयर मार्केट का जो ब्रोकर है वो कह रहा है कि लो भाई इतने पैसे में लगाकर आपने यह शेयर खरीद लिया अगर यह शेयर ज्यादा का बिका तो आप इससे मुनाफा कमा के बाहर निकल लो हम सोचते हैं कि थोड़े से पैसे लगा के बढ़िया मुनाफा कमा के साइड में निकल सकते हैं लेकिन उलट क्या होता है कि आपने ज्यादा पैसे के लालच में ये काम किया तो सही लेकिन इसका रिवर्स आ जाता है रिवर्स क्या हो जाता है आपका पैसा गया अगर वो शेयर नीचे गिर गया और जब नीचे गिर गया तो आपने जो पैसे से पोजीशन ली थी ना वो भी छूट गई और पोजीशन छूट गई तो वो पूरा की पूरा शेयर आपके सिर बंद गया कि साहब 000 में आपने लगाई थी ना बोली उसकी अब ये 000 आप ही को देने पड़ेंगे अब 000 आपको देने पड़ेंगे 100 के लालच में 1000 में घुस गए सट्टा नहीं है तो और क्या है इसके लिए फिर आप कर्जदार हो जाते हो क्योंकि कहीं क्योंकि सरकार वहां पूरा पूरा कंपनी जानती है आपके बारे में सब आपने इनकम टैक्स से क्या लि आपको फ्रॉड घोषित कर देगी वहां से इस चक्कर में ये बड़ा दिक्कत है और इसलिए सरकार इस फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेड पर बहुत ज्यादा सख्ती बरतना चाहती है लेकिन मैं एक चीज बता दूं यहां पे फ्यूचर एंड ऑप्शन ट्रेड ने ही इन दिनों शेयर मार्केट को इतना बूम दिया हुआ था तो अगर फ्यूचर एंड ऑप्शन पर सरकार 30 पर टैक्स का प्लानिंग कर रही है तो मार्केट भी थोड़ा सा हिलेगा नीचे गिरेगा तीसरा एक काम शेयर मार्केट के लिए और किया है वो है बाय बैक स्टॉक के ऊपर जैसे क्या होता है सम टाइम्स आपने मान लीजिए किसी का शेयर परचेज कर रखा था एक्स वाई जड कंपनी थी आपने उसका शेयर परचेज कर लिया था अमूजा सीमेंट का कर लिया था अडानी का कर लिया था टा का कर लिया था किसी का भी शेयर परचेज कर लिया था और कंपनी को अचानक य ख्याल आता है कि यार मैं मेरे शेयर वापस खरीद लेती हूं इन लोगों से पहले 500 में शेयर बेचा था इन लोगों के पास में इसकी वैल्यू 000 हो रखी है मैं 1200 में मेरा शेयर वापस खरीद लेती हूं इसको बाय बैक कहते हैं आप बड़े खुश हुए कि साहब मेरा तो शेयर वापस कंपनी वापस अपने पास ले रही है तो मेरा शेयर तो बढ़ के भाव में लेगा तो बाय बैक का जो लाभ आपको मिल रहा
(16:23) होता है सरकार उस पर भी टैक्स वसूल रही है सरकार कह रही है कि मैं तो बाय बैक पर भी जो कंपनी पैसा ले जा रही है उसमें जो डिविडेंड मिल रहा है ना उस पर भी टैक्स वसूल होंगी मतलब अगर आपको यह लग रहा है कि शेयर धारक होने के नाम पर आपको इतना लाभ मिल रहा है तो मेरे को उस पर भी पैसे दो तो सरकार ने शेयर मार्केट को पहले तो बढ़ाया बढ़ाने के लिए पूरी सुविधाएं विकसित की कि हां भाई लोगों को लगे कि शेयर मार्केट कितना बढ़िया चल रहा है सरकार ने अब उसमें से फसल काटने की तैयारी कर ली है तो एक प्रकार से जो भी लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट किए हुए हैं वो थोड़ा सा अपने आप सीट फील कर रहे हैं बाय बैक क्या होता है इस पर मैंने ऑलरेडी एक सेशन किया हुआ है आप जाकर उसे देख सकते हैं माध्यम से और उसमें क्या है कि कई बार क्या होता है कि आप लोग अपने स्टार्टअप के लिए फंड रेज करते हैं तो जो फंड रेज करते हैं ना तो यह टैक्स उन निवेशकों के लिए जो कि मतलब जैसे मान लीजिए किसी कंपनी को आपने इतना पैसा दिया कि आप इस पैसे को यूज़ करें और कंपनी को चलाएं तो सरकार उस पैसे पर भी टैक्स वसूल लेती थी इस बार उसको माफ कर दिया एंजल टैक्स को कि ठीक है एंजल टैक्स फॉर ऑल क्लासेस ऑफ इन्वेस्टर टू बी अबॉलिश्ड टू बोल्स्टर इंडियन स्टार्टअप इकोसिस्टम तो एक प्रकार से इन्वेस्टमेंट अब स्टार्टअप में बहुत अच्छे से आ जाएगा इसके लिए सरकार ने प्रयास किया है कि स्टार्टअप में पैसा लगाओ ताकि स्टार्ट अप में पैसा लगेगा एंजल टैक्स बन कर के और एंजल सॉरी एंजल इन्वेस्टर बन के पैसा लगाओ और पैसा लगाओगे तो उस पर हम टैक्स नहीं लगाएंगे ये सरकार ने अपने स्तर पर कहा है